The smart Trick of Shiv chaisa That Nobody is Discussing
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स्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब shiv chalisa lyricsl संकट भारी॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥
स्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
पाठ पूरा हो जाने पर कलश का जल सारे घर में छिड़क दें।
नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥